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ठोकर गंगा महफिल काँच अच्छे अच्छे लम्हें पल दो पल याद कर लिया ख़ुद को खुद से ख़ुद को मिलाओ तुझमें पाता हूँ अपने प्रियतम को पा कर ख़ुद को बचाऐ रखने के लिऐ

Hindi ख़ुद को वार कर Poems